
उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा गोरखपुर जेल में काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई के आदेश दिए थे, इस रिहाई के खिलाफ मधुमिता शुक्ला की बहन निधि सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और रिहाई के खिलाफ अपील दाखिल की थी, मगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमरमणि की रिहाई पर रोक नहीं लगाई है, साथ ही यूपी सरकार को नोटिस जारी कर 8 सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।

बता दे यूपी सरकार ने गुरुवार शाम को पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी मधुमणि को जेल से रिहा करने के आदेश दिए थे, यह रिहाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दी गई, सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों यूपी सरकार को सलाह दी थी कि जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों को रिहा करने पर विचार करे, जिसके बाद पूर्व मंत्री ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज का दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए 10 फरवरी 2023 को अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को रिहा करने का आदेश दिया था, मगर आदेश का पालन नहीं होने पर अमरमणि को ओर से अवमानना दायर की गई थी, इसके बाद उन्हें शासन ने गुरुवार शाम को रिहाई करने का आदेश दिया
इस आदेश के खिलाफ कवियत्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि उच्चतम न्यायालय पहुंची थी, जिन्होंने रिहाई के आदेश रोकने की अपील की थी, मगर अमरमणि की रिहाई पर उच्चतम न्यायालय ने रोक नहीं लगाई, बल्कि यूपी सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में 8 सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है।