
यूपी बार काउंसिल ने प्रदेश भर में चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल को वापिस ले लिया है। सोमवार से प्रदेश भर के अधिवक्ता कामकाज पर लौटेगे, जिसकी घोषणा यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने की है। वही लखनऊ हाईकोर्ट की अवध बार ने बार काउंसिल का प्रस्ताव नहीं माना, साथ ही सोमवार को अवध बार के अधिवक्ता विशाल धरना प्रदर्शन करेंगे।

20 अक्टूबर को करेंगे विधान सभा का घेराव
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने शनिवार देर रात को घोषणा की, सोमवार को सभी अधिवक्ता अपने अपने काम को शुरू करे, मगर आगामी दिनों में उन्होंने अधिवक्ताओं के प्रदर्शन की रूप रेखा बनाई। उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को अधिवक्ता यूपी विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार के किसी मंत्री या प्रतिनिधि ने वकीलों की व्यथा को नहीं सुना, और न ही किसी से मिलने की कोशिश की। हापुड़ की घटना में जिस तरह से अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज की गयी और उसमें कई अधिवक्ता घायल हुए लेकिन सरकार के किसी भी नुमाईंदे ने अधिवक्ताओं का हाल भी नहीं पूंछा, इतना ही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्होंने मिलने का समय नहीं दिया। इससे साफ है कि सरकार वकीलों के प्रति संवेदनहीन है।
चरणबद्ध तरीके से होगा आन्दोलन
प्रदेश अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने कहा कि सरकार की इस बेरुखी के खिलाफ यूपी बार काउंसिल चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में आंदोलन करेगी। 16 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों, ट्रेजरी और रजिस्ट्री कार्यालयों पर अधिवक्ताओं द्वारा धरना दिया जाएगा। साथ ही पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ 22 सितंबर को काला फीता बांधकर अधिवक्ता काम करेंगे, जबकि 29 सितंबर को प्रदेश भर में सरकार का पुतला फूंका जायेगा। 6 अक्टूबर को मंडलवार और 13 अक्तूबर को बार कौंसिल के कार्यालय में प्रदेश के सभी बार संघों के पदाधिकारियों का सम्मेलन होगा। 20 अक्तूबर को प्रदेशभर के अधिवक्ता यूपे विधानसभा का घेराव कर अपनी ताकत का एहसास दिलायेगे।