Home कर्नाटक कर्नाटक हाईकोर्ट ने आजतक के न्यूज एंकर सुधीर चौधरी को दी अन्तरिम राहत, हिरासत में लेकर पूंछतांछ की नहीं है कोई आवश्यकता

कर्नाटक हाईकोर्ट ने आजतक के न्यूज एंकर सुधीर चौधरी को दी अन्तरिम राहत, हिरासत में लेकर पूंछतांछ की नहीं है कोई आवश्यकता

कर्नाटक हाईकोर्ट ने आजतक के न्यूज एंकर सुधीर चौधरी को दी अन्तरिम राहत, हिरासत में लेकर पूंछतांछ की नहीं है कोई आवश्यकता
सुधीर चौधरी

15 सितंबर (शुक्रवार) को कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ द्वारा आजतक न्यूज़ चैनल के वरिष्ठ एंकर सुधीर चौधरी के मामले में सुनवाई की। यह सुनवाई कर्नाटक सरकार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को लेकर की गई, जिसमें वरिष्ठ एंकर सुधीर चौधरी द्वारा 11 सितंबर को प्रसारित अपने ब्लैक एंड व्हाइट कार्यक्रम के दौरान दावा किया था कि कर्नाटक सरकार केवल अल्पसंख्यकों को योजना का लाभ प्रदान कर रही है, गैर-अल्पसंख्यक हिंदुओं को नहीं और वह राज्य में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कर रही है। जिस पर एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान माना कि सुधीर चौधरी के खिलाफ राज्य की ‘स्वावलंबी सारथी योजना’ के कथित सांप्रदायिक कवरेज का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। हालांकि, न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ ने कहा कि एंकर को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की कोई आवश्यकता नहीं है, साथ ही कर्नाटक पुलिस से कहा, “अगले सप्ताह तक मामले के अंतिम निस्तारण तक न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाये। वही इस मामले में आजतक ने भी कर्नाटक हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की थी, आज दोनों याचिकाओं पर एक सामान्य आदेश पारित किया गया।

सुधीर चौधरी पर लगा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप

बता दे कि आजतक के न्यूज एंकर सुधीर चौधरी ने 11 सितंबर को रात 9 बजे प्रसारित होने वाले कार्यक्रम ब्लैक एंड व्हाइट कार्यक्रम में दावा किया था कि कर्नाटक सरकार केवल अल्पसंख्यकों को योजना का लाभ प्रदान कर रही है, गैर-अल्पसंख्यक हिंदुओं को नहीं और वह राज्य में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कर रही है। इस रिपोर्ट में टिप्पणियां कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड की ‘स्वावलंबी सारथी योजना’ के संबंध में थीं, जिसके तहत वाहनों की खरीद के लिये धार्मिक अल्पसंख्यकों को सब्सिडी दी जाती है। इस पर कर्नाटक सरकार के मंत्री, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के बेटे प्रियांक खड़गे ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर इस रिपोर्ट का खंडन किया था और कहा कि यह योजना पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई थी। इस रिपोर्ट के प्रसारित होने के बाद न्यूज एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड के प्रशासनिक अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया था कि न्यूज एंकर सुधीर चौधरी ”ऐसी खबरें प्रकाशित कर राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं। जिसके बाद कर्नाटक पुलिस ने न्यूज एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन अपराधों के लिए 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। इस मामले में सुनवाई हुई।

सुधीर चौधरी की ओर से वकील ने रखा तर्क

शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में आजतक न्यूज चैनल के वरिष्ठ न्यूज एंकर सुधीर चौधरी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता उदय होल्ला ने दावा किया कि कथित समाचार रिपोर्ट में केवल यह उल्लेख किया गया है कि बजट में सरकार ने दावा किया था कि यह योजना अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी समुदायों के लिए खुली होगी, लेकिन जब योजना की घोषणा की गई, तो यह केवल अल्पसंख्यकों तक ही सीमित थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने बताया कि ऐसा स्पष्टीकरण केवल बाद के प्रसारण में दिया गया था। प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल यह उल्लेख किया गया था कि प्रोत्साहन केवल अल्पसंख्यक समुदाय को दिया जा रहा है, हिंदुओं को नहीं।

कोर्ट ने माना प्रथम दृष्टया मामला बनता

एकल पीठ के न्यायाधीश ने सुनवाई के पहले चरण में मौखिक रूप से कहा, “प्रसारित समाचार में विशेष आरोप यह था कि सरकार केवल अल्पसंख्यकों को स्कीम का लाभ प्रदान कर रही है और हिंदुओं को वंचित कर रही है। यह प्रथम दृष्टया जांच का मामला बनता है।” मामले को अंतिम निस्तारण के लिए अगले बुधवार तक के लिए स्थगित करते हुए अदालत ने  कहा, “न्यूज एंकर को हिरासत में लेकर पूंछतांछ की आवश्यकता नहीं है। पुलिस कोई भी त्वरित कार्रवाई न करें।”

मीडिया का काम जानकारी देना, नफरत फैलाना नहीं

एकल पीठ ने कहा, “मीडिया की भूमिका जानकारी प्रदान करना है। लेकिन यह जानकारी प्रदान करने का तरीका नहीं है, “औसत आदमी के मन में अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत विकसित हो सकती है, कह सकता है कि उन्हें (प्रोत्साहन) दिया गया है, मुझे नहीं।” ऐसा नहीं है कि लाभ केवल अल्पसंख्यकों को दिया जाता है, यहां तक कि कॉर्पोरेट संस्थाओं को भी (प्रोत्साहन दिया जाता है), यह केवल अल्पसंख्यकों तक ही सीमित नहीं है।”

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