यूपी के जालौन के कदौरा थाना इलाके में 7 साल पहले प्रधानी चुनाव की रंजिश में पिता ने अपने तीन पुत्रों तथा गांव के अन्य साथियों के साथ मिलकर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी, 7 साल तक चली सुनवाई के बाद सोमवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लल्लू सिंह ने पिता और उसके तीन पुत्रों सहित छह लोगों को मामले में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही एक-एक लाख रुपए का आर्थिक दंड लगाया है. इस दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी, सजा सुनाई जाने के बाद दोषियों को हिरासत में लेकर पुलिस ने जेल भेज दिया।

जिला शासकीय अधिवक्ता कर रहे थे पैरवी
मामले की पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि कदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम मवई अहीर के रहने वाले नसीमुद्दीन पुत्र सभी उद्दीन ने पुलिस को सूचना दी थी कि 10 मार्च 2016 को उसकी चचेरी बहन जैबून अपने लड़के इमरान के साथ चाची ताहिरा बेगम के घर से वापस आ रही थी, समय लगभग 10:30 बजे के करीब गांव के रहने वाले घोपल के घर के सामने से निकल रही थी, वहां पर पहले से ही बाहर बैठे घोपल, उसका पुत्र असीम तथा सफीउल्लाह, उसके तीन पुत्र इरफान, साबान उर्फ सुभान खान, इमरान और नब्बन पुत्र बब्बन ने बहिन का रास्ता रोक लिया और उसकी चचेरी बहन जैबुन तथा लड़के इमरान के साथ गाली गलौज करते हुये कहने लगे की प्रधानी चुनाव में वोट नहीं दिया और उसकी चचेरी बहन जैवुन को चांटा दिया, जिसकी जानकारी उसके भांजे इमरान ने घर आकर चचेरे भाई जहरूद्दीन व अन्य परिवार के लोगों को बताई, जिस पर जहरुदीन इसकी शिकायत करने के लिए घोपल के घर पहुंचा।
ट्रायल के दौरान एक आरोपी की हो गयी थी मौत
इसी दौरान वहां मौजूद साबान के कहने पर वहां मौजूद असीम, इरफान, सफीउल्लाह, नब्बन, इमरान तथा घोपल ने मारपीट शुरू कर दी और साबान ने 315 बोर के तमंचे से जहरूद्दीन को गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने आईपीसी धारा 147, 148, 149, 504, 506, और धारा 302 के तहत मामला पंजीकृत करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही सभी को जेल भेज दिया था, इस मामले की जांच करने वाले इंस्पेक्टर रुद्र कुमार सिंह (जो वर्तमान में नोएडा में सीओ हैं) आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था, जिसमें अभियोजन की ओर से कुल 8 साक्षी पेश किए गये।
6 को न्यायालय ने माना दोषी
इस मामले में 7 साल तक सुनवाई चली, जिसमें ट्रायल के दौरान एक आरोपी घोपल की मौत हो गई थी, सोमवार को साक्ष्य और गवाहों के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लल्लू सिंह द्वारा इस मामले में असीम, सफीउल्लाह और उसके तीन पुत्र इरफान, साबान, इमरान तथा एक अन्य नब्बन को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही सभी दोषियों पर एक एक लाख रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। जिला न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाई जाने के बाद सभी दोषियों को हिरासत में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया है।