
अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में 23 अक्टूबर को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी की तरफ से भारत और अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बोलते हुये कहा कि, “संवैधानिक मुद्दों पर दिए गए फैसले अक्सर आपके मन की आवाज होते हैं। हालांकि कभी-कभी मन की आवाज, संविधान में कही गई बात से अलग होती है, लेकिन मैं समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले फैसले में अपनी अल्पमत राय पर अभी तक कायम हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को समलैगिंक विवाह को कानूनी मान्यता देने से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला दिया था। इसी पर वॉशिंगटन डीसी बोलते हुये भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब मैंने समलैंगिक विवाह पर अपना फैसला सुनाया तो मैं अल्पमत में था। मेरा मानना था कि समलैंगिक जोड़े बच्चा गोद ले सकते हैं। वहीं, मेरे तीन साथियों का मानना था कि ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि इस पर फैसला करना संसद का काम है।