
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जनपद की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 13 साल पुराने (2010) गैंगस्टर एक्ट के मामले में पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने मुख्तार अंसारी पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के एक दिन पहले गुरुवार को कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया था।
बता दे कि गाजीपुर के करंडा थाने में 2019 में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था, यह मामला करंडा क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले सेवानिवृत अध्यापक कपिल देव सिंह की हत्या मामले से जुड़ा था, मुख्तार को कपिलदेव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हुए हमले करने की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था। 13 साल पहले एक बाहुबली के घर में कुर्की के मामले में पुलिस ने कपिलदेव सिंह को गवाह बनाया था। गवाह बनने के बाद वह बाहुबलियों के निशाने पर आ गए थे और उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
मुख्तार अंसारी को हत्या और हमले के मामले में सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है, लेकिन, इन्हीं दोनों मामलों से जुड़े गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें मुख्तार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को 10 साल की सजा हो चुकी है।
इससे पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।