Home उत्तर प्रदेश खेत से बालू भरे ट्रैक्टर-ट्राली निकालने का विरोध करने पर कर दी थी किसान की हत्या, अदालत ने 4 को दोषी मानते हुए सुनाई आजीवन कारावास की सजा

खेत से बालू भरे ट्रैक्टर-ट्राली निकालने का विरोध करने पर कर दी थी किसान की हत्या, अदालत ने 4 को दोषी मानते हुए सुनाई आजीवन कारावास की सजा

खेत से बालू भरे ट्रैक्टर-ट्राली निकालने का विरोध करने पर कर दी थी किसान की हत्या, अदालत ने 4 को दोषी मानते हुए सुनाई आजीवन कारावास की सजा
जिला एवं सत्र न्यायालय जालौन

12 साल पहले खेत में से बालू भरे ट्रैक्टर ट्राली निकालने का विरोध करने पर एक किसान की दबंगों ने मारपीट करते हुए गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि उसके पिता पर प्राणघातक हमला करते हुए मरणासन्न कर दिया था। अदालत में 11 साल तक चली सुनवाई बाद जालौन की अपर जिला जज अंजू राजपूत की अदालत ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर इस वारदात को अंजाम देने चार लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, साथ ही सभी पर 1 लाख 65 हजार का जुर्माना लगाया है।

खेत से ट्रैक्टर निकालने के विरोध में की गई थी हत्या

रामपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम सुल्तानपुरा के रहने वाले सुखवीर सिंह और उसके पिता शत्रुघ्न सिंह अपने खेत पर 8 मई 2012 को काम कर थे, उसके गांव के ही रहने वाले मुनेश कुमार ट्रैक्टर ट्राली से बालू ले जाने का काम करता था, जो सुखवीर सिंह के खेत में से बालू से भरा ट्रैक्टर ट्राली लेकर लगातार निकलता था, जिससे सुखवीर के खेत में उगी फसल खराब हो जाती थी, जिस पर सुखवीर और उसके पिता शत्रुहन सिंह बालू भरी ट्रैक्टर ट्राली निकालने के लिए मुनेश को मना किया, उस दौरान मुनेश ट्रैक्टर ट्राली लेकर चला गया, मगर देर शाम को जब सुखवीर और उसके पिता शत्रुहन खाना खा रहे थे, तभी मुनेश गांव के ही अपने साथी जितेंद्र, महेश व ज्ञान सिंह को लेकर घर के अंदर घुस आये और पिता पुत्र को बाहर निकालकर ले आए, जहां उनके साथ मारपीट करने लगे।

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडेय

घर में घुसकर मारपीट कर मार दी थी गोली

इसी दौरान मुनेश ने तमंचा से सुखवीर के ऊपर फायर कर दिया, जिससे सुखवीर की मौके पर ही मौत हो गई और शत्रुहन पर ज्ञान सिंह ने कुल्हाड़ी से हमला कर मरणासन्न कर दिया था, इस मामले की शिकायत मृतक सुखवीर के पुत्र दीपराज ने रामपुरा पुलिस से की थी, जिस पर पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले मुनेश, ज्ञान सिंह, जितेंद्र और महेश के खिलाफ हत्या व गैर इरादनत हत्या की रिपोर्ट दर्ज करते हुए 28 मई 2012 को चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए जिसकी सुनाई 12 साल तक चलती रही।

अपर जिला जज अंजू राजपूत ने सुनाई सजा

इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडेय ने बताया कि इस मामले की सुनवाई अपर जिला जज अंजू राजपूत की अदालत में चल रही थी, यहां अभियोजन पक्ष के तरफ से साक्ष्य और गवाहों को पेश किया, वही बचाव पक्ष भी लगातार अपनी दलीलें देता रहा, मगर अपर जिला जज अंजू राजपूत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर मुनेश, जितेंद्र, महेश व ज्ञान सिंह को दोषी पाते हुये उम्रकैद की सजा सुनाई और एक लाख 65 हजार रूपये चारो दोषियों पर अर्थदंड लगाया।

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