दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ ने सोमवार को दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी द्वारा नाबालिग से किये गए कथित दुष्कर्म के मामले का स्वत: संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि नाबालिग की पहचान सुरक्षित रखे और किसी भी तरह से उसे उजागर न होने दे।
बता दे कि दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी पर कई महिनों तक नाबालिग से दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने का आरोप है, इस मामले में आरोपी और उसकी पत्नी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं दुष्कर्म के आरोपी अधिकारी की पत्नी और यह भी आरोप है कि उसने नाबालिग का गर्भपात कराने के किये गर्भपात की गोलियां दी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पीठ को अवगत कराया कि पीड़िता की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है और उसे कल भी दौरा पड़ा था, दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज वर्तमान में चल रहा है। जिसको सुनते हुए पीठ ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग से स्टेट रिपोर्ट मांगी है और मामले को 14 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने माननीय न्यायालय को बताया कि संस्था ने घटना का संज्ञान लिया है और वह इस मामले में जवाब भी दाखिल करेगी।
दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और उनकी पत्नी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376(2)(एफ) (रिश्तेदार, अभिभावक याने शिक्षक होने के नाते, या महिला के प्रति विश्वास या अधिकार की स्थिति में व्यक्ति होने के नाते महिला पर बलात्कार करने का जुर्म), धारा 509 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द, इशारा या कृत्य), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात करना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता और पोस्को अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 2020 में अपने पिता के निधन के बाद नाबालिग अधिकारी के आवास पर रह रही थी, जो एक पारिवारिक मित्र था। उस अधिकारी पर आरोप है कि नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच नाबालिग से कई बार बलात्कार किया, इस मामले में उस अधिकारी को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने निलंबित कर दिया था, साथ ही आरोपी और उसकी पत्नी को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया था।