उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) मंगलवार को 12वें दिन जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। 28 अगस्त को सुनवाई में कोर्ट ने आर्टिकल 35A को नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाला आर्टिकल बताया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा “35A ने गैर-कश्मीरियों के अधिकार छीने” आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारतीयों को देश में कहीं भी रहने, नौकरी करने का हक है। आर्टिकल 370 से जुड़ीं याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की बेंच कर रही है।
बात दे कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। सरकार के इस फैसले के खिलाफ दाखिल 23 याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में सुनवाई चल रही है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे। लेकिन, इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिये गए। इस आर्टिकल की वजह से अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में नौकरी करने, जमीन खरीदने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ।
सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने का पक्ष रखते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 लागू होने की वजह से केंद्र सरकार के कई कानून वहां लागू नहीं हो पाते थे। देश के संविधान में शिक्षा का अधिकार जोड़ा गया, लेकिन 370 की वजह से यह कानून वहां लागू नहीं हो पाया। आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को बराबरी पर लाया गया। अब वहां केंद्र के कानून लागू हो रहे हैं। व्यापारी वहां इन्वेस्ट करना चाहते हैं। टूरिज्म भी बढ़ रहा है। पहले वहां हाईकोर्ट के जज राज्य के संविधान की शपथ लेते थे। अब उन पर देश का संविधान लागू करने का दायित्व है।
सोमवार को हुई सुनवाई के अंश
सोमवार की सुनवाई शुरू होते ही सबसे पहले मुख्य न्यायाधीश ने जम्मू-कश्मीर के एजुकेशन विभाग से सस्पेंड किए गए लेक्चरर जहूर अहमद भट के बारे में बात की। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायालय को इस बात की जानकारी दी थी कि जहूर भट 23 अगस्त को कुछ देर के लिए कोर्ट आए थे और 25 अगस्त को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। इस पर जजों ने चिंता जाहिर की कि कहीं जहूर से बदला लेने की नीयत से तो ऐसा नहीं किया गया है। मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश दिया कि वे जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से बात करें और पता लगाएं कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ कोर्ट में दलीलें देने के कुछ दिन बाद ही भट को पद से क्यों हटाया गया?