Thursday, July 31, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 पर सुनवाई के दौरान कहा, लोन माफी मांगकर कोर्ट में एफिडेविड दायर कर कहें, उनकी निष्ठा भारतीय संविधान में

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उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में सोमवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी.वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ में सोमवार को 15 वें दिन आर्टिकल 370 मामले में सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा पैरवी की गई।

इस दौरान केंद्र सरकार ने मांग की, “नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद अकबर लोन माफी मांगें, उन्होंने 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये थे।”

इस पर उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने मोहम्मद अकबर लोन को आदेश दिया कि, लोन कोर्ट में हलफनामा दायर करें और बताये कि उनकी भारतीय संविधान में निष्ठा है।

वहीं याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह खुद ही व्यक्तिगत रूप से नेशनल कॉन्फेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन की उन बातों से सहमत नहीं है, जिन्होंने 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कही थी।

इससे पहले 3 सितंबर को उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में कश्मीरी पंडितों ने याचिका दायर की थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने मोहम्मद अकबर लोन पर सवाल उठाए गये थे। ‘रूट्स इन कश्मीर’ संगठन ने दावा किया कि लोन घोषित तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। वो विधानसभा में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा चुके हैं।

इससे पहले देश के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अनुच्छेद 370 पर अपनी दलीलें दी है। उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) की पीठ दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले पर अपना फैसला देगी।

अनुच्छेद 370 पर 20 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। इनमें से ज्यादातर याचिकाओं में 2019 के केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया गया है जिसके तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्क्षेद 370 को खत्म कर दिया गया था।

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