
उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में आर्टिकल 370 के मामले में मंगलवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी.वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है, आज सुनवाई का 16वां दिन है, उम्मीद की जा रही है कि आज ही सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। इस मामले में याचिका कर्ताओं और केंद्र सरकार की ओर से दलीलें पेश की जा चुकी हैं।

कोर्ट ने एनसी नेता के हलफनामें के बारे में पूंछा
मंगलवार को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने नैशनल कॉन्फ्रेंस (एनएसी) के नेता और सांसद मोहम्मद अकबर लोन के हलफनामे के बारे में पूंछा। सोमवार को अदालत ने लोन से कहा है था कि वह हलफनामा दायर करके स्वीकार करें कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उनकी भारत के संविधान में पूरी निष्ठा है।

16वें दिन की सुनवाई
उच्चतम न्यायालाय में मंगलवार को 16 वे दिन जारी सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन का हलफनामा रात में मिला है। इस हलफनामे में स्पष्ट दिख रहा है कि जब आतंकी हमला हुआ था, तो लोन की सहानुभूति सिर्फ आतंकियों और सिविलयन लोगों के लिये थी। उन्होंने भारत का जिक्र ऐसे किया है, जैसे यह कोई विदेशी देश हो।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि लोन के हलफनामे में ये बात होनी चाहिये कि वे इस बयान को वापस ले रहे हैं, वे आतंक का समर्थन नहीं करते हैं, वे किसी अलगाववादी गतिविधि का समर्थन नहीं करते हैं और इस देश का कोई नागरिक ऐसी बात नहीं कर सकता है।
वही याचिकाकर्ता ओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर संविधान की भावनात्मक बहुसंख्यकवादी व्याख्या नहीं की जाये।