
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने वकीलों के लिए सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) फॉर्म जारी कर दिया है, जिसे अधिवक्ता बार कौंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट www.upbarcouncil.com से डाउनलोड कर सकते हैं, अधिवक्ता सर्टिफिकेट एण्ड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरीफिकेशन) फार्म, री–ईश्यू फार्म एवं डिक्लेरेशन फार्म डाउनलोड कर 30 नबम्बर तक फार्म भरकर जमा कर सकते है।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वेरीफिकेशन हेतु एक हाईपॉवर कमेटी का गठन किया गया था, जिस पर बार काउंसिल ऑफ इण्डिया ने 27 सितंबर 2023 को यूपी बार काउंसिल को आदेश प्राप्त कराया, जिसके अनुसार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायालय द्वारा नामित वरिष्ठ अधिवक्ताओं को वेरीफिकेशन फार्म भरने की आवश्यकता नहीं है, वह केवल वेरीफिकेशन का फार्म ऑनलाईन भरकर भेजेंगे।
यूपी बार कौंसिंल द्वारा बताया गया कि 31 दिसंबर 1989 तक पंजीकृत अधिवक्ता जिन्होनें पूर्व में सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) वेरीफिकेशन फार्म भरकर अर्जित कर लिया था, उन्हें केवल सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) री-ईश्यू कराना ही आवश्यक है, जिसके लिए दो पन्ने का फार्म जो बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किया गया है, भरना आवश्यक है एवं फार्म के साथ शैक्षिक प्रमाण-पत्रों को संलग्न करने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु वकालत नामा देना अनिवार्य है। उन अधिवक्ताओं को रि-ईश्यू फॉर्म के साथ शैक्षिक प्रमाण पत्र भी देना अति आवश्यक है जिन्होने 31 दिसंबर 1989 के बाद अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। यदि किसी अधिवक्ता द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) प्राप्त ही नहीं किया गया है, तो उसे वेरीफिकेशन फॉर्म के साथ शैक्षिक प्रपत्र, वकालत नामा भी संलग्न करना अनिवार्य है।
यह फॉर्म पूरा भरने के बाद अपने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष या सचिव या सदस्य बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रमाणित करवाकर कार्यालय बार कौंसिंल उत्तर प्रदेश प्रयागराज में जमा करना होगा। यदि आवेदक अधिवक्ता किसी भी बार एसोसिएशन का सदस्य नहीं है, तो कारण स्पष्ट कर फॉर्म के साथ अधिवक्ता कोई एक प्रमाण जैसे वकालतनामा कॉजलिस्ट, केस-स्टेटस, आदेश, प्रश्नोत्तरी, नियुक्ति-पत्र (शासकीय व अर्द्धशासकीय अधिवक्ताओं हेतु), नोटरी पत्र, ओथ कमिश्नरनियुक्ति पत्र, सेलडी या अन्य कोई रजिस्ट्री पत्र, शपथ पत्र ( शपथ पत्र के रूप में मात्र वे शपथ-पत्र मान्य होंगें, जो वाद के साथ सम्बन्धित अधिवक्ता द्वारा वादी/परिवादी के प्रमाणीकरण हेतु दाखिल किये जाते हैं), निर्णय, टैक्सेशन में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता द्वारा कोई ऐसा प्रमाण जिससे यह स्पष्ट हो कि अधिवक्ता विधि-व्यवसाय कर रहा है या किसी भी सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र आदि को स्वप्रमाणित छाया प्रति दाखिल कर सकते हैं उपरोक्त प्रपत्र केवल 4 वर्षों अर्थात 2018, 2019, 2021 व 2022 के साथ संलग्न करें। कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 की छूट दी जाती है।
यदि अधिवक्ता के विरुद्ध कोई आपराधिक मामलों का वाद लंबित हो या किसी आपराधिक वाद में दंडित हुआ हो अथवा हिस्ट्री शीटर रहा हो तो उसका पूर्ण विवरण व वाद की वर्तमान स्थिति नोटरी शपथ-पत्र द्वारा उल्लिखित करें, बार काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा निर्धारित शुल्क रुपये 250/- कद अथवा डिमाण्ड ड्राफ्ट द्वारा जमा करना होगा। डिमाण्ड ड्राफ्ट बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश (B.C.UP. Certificate And Practice Verification) के नाम से बनेगा एवं payable at Prayagraj के रूप में स्वीकार किया जायेगा।
COP फार्म यहां से डाउनलोड करें।