उत्तर प्रदेश के समस्त अधिवक्ता 11 और 12 सितंबर को पूरे प्रदेश में दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे, इस दिन अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे, यह घोषणा उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौर ने रविवार देर रात बार काउंसिल के सदस्यों के साथ वर्चुअल आपात बैठक के बाद की है, साथ ही यह घोषणा कि यदि सरकार द्वारा बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश की मांग नहीं मानी जाती है, तो 12 सितंबर की रात्रि 8 बजे आगामी बैठक के बाद रणनीति पर विचार किया जायेगा।

वर्चुअली बैठक के बाद लिया फैसला
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर द्वारा न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में 6 सदस्ययी कमेटी गठित की गई थी, इस कमेटी में महाधिवक्ता, बार काउंसिल और हाई कोर्ट बार एसोशिएशन के अध्यक्ष को भी शामिल किया गया था, जिसमें इसके बाद बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश द्वारा शनिवार को हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर दी थी और सोमवार से न्यायिक कार्यों को शुरू करने की बात कही थी, मगर सरकार द्वारा किसी प्रकार की पहल न किये जाने से नाराज होकर रविवार रात 9 बजे राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौर की अध्यक्षता ने राज्य विधिज्ञ परिषद के सदस्यों के साथ वर्चुअल आपात बैठक आयोजित की गई, इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 11 व 12 सितंबर को अधिवक्ता पूरे प्रदेश में न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे और यदि इस बीच सरकार द्वारा बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश की मांग नहीं मानी जाती है, तो फिर से 12 सितंबर को रात्रि 8 बजे राज्य विधिज्ञ परिषद की बैठक होगी, इसके बाद आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

वकीलों पर लाठीचार्ज को लेकर हड़ताल
बता दें कि यूपी के हापुड़ जिले में 29 अगस्त को न्यायालय परिसर में पुलिस द्वारा महिला अधिवक्ताओं के साथ-साथ अन्य अधिवक्ताओं के ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज की गई थी, जिस कारण पिछली हफ्ते 4 सितंबर से अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए थे, इसके बाबजूद भी शासन प्रशासन द्वारा बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश व अधिवक्ताओं की मांग पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया की 11 और 12 सितंबर को सभी अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे।