Sunday, August 3, 2025
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सुप्रीम कोर्ट से लगा कुंडा विधायक राजा भैया को बड़ा झटका, ट्रायल कोर्ट के आदेश को किया बहाल, सीबीआई करेंगी भूमिका की जांच

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सुप्रीम कोर्ट से जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने डीएसपी जिया उल हक की हत्याकांड में रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) करेगी, साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर भी रोक लगाई है। ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने के आदेश दिए थे। 2013 में अखिलेश सरकार में पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की हत्या की गई थी।

 

कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया)

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष शहीद पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक की पत्नी ने याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई ने राजा भैया की भूमिका की ओर इशारा करने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस टीम ने उनके पति को कैसे अकेले छोड़ दिया। इतनी भीड़ में किसी अन्य पुलिसकर्मी को कोई चोट नहीं आई।

जिस पर न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हमारे विचार में हाईकोर्ट ने पुनः जांच और आगे की जांच के बीच एक अति तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है। हाईकोर्ट ने माना कि विशेष सीबीआई अदालत का 8 जुलाई 2014 का आदेश पुनः जांच के समान है।

सुप्रीम कोर्ट कहा कि याचिका कर्ता के पति पुलिस उपाधीक्षक रेत खनन और अन्य दंगों के मामलों की जांच संभाल रहे थे। इसमें राजा भैया और उनके सहयोगियों की भी भूमिका थी। यह लोग याचिकाकsर्ता के पति को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने सीबीआई की उस चार्जशीट पर भी सवाल उठाये, जिसमें डीएसपी की हत्या के पीछे मारे गये प्रधान नन्हें यादव के परिवार का नाम लिया गया था।

2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ जिला के हथिगवां थाना क्षेत्र के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव गांव में एक विवादित जमीन का मसला सुलझाने के लिये कामता पाल के घर पहुंचे थे। तभी बाइक से आये बदमाश प्रधान नन्हे यादव को गोली मारकर फरार हो गये थे, प्रधान की हत्या की खबर उनके समर्थकों को मिली तो समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी थी। प्रधान नन्हे यादव को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी। लोगों में बढ़ते आक्रोश और हुजूम के बीच प्रधान का शव बिना पोस्टमॉर्टम के ही गांव में पहुंच गया। हत्या के मामले में बिना पोस्टमॉर्टम के शव गांव में पहुंचने की खबर डिप्टी एसपी जियाउल हक को मिली तो वह पुलिस टीम के साथ गांव वालों से बात करने पहुंचे, लेकिन गांव में हिंसा शुरू हो गई, पथराव होने लगा था, इसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी।

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