Thursday, June 12, 2025
spot_img
Homeमहाराष्ट्रबॉम्बे हाईकोर्ट ने माता-पिता की जगह बुआ को सौंपी नाबालिग बच्चे की...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माता-पिता की जगह बुआ को सौंपी नाबालिग बच्चे की कस्टडी, कोर्ट ने कहा, महिला से बच्चे का भावनात्मक लगाव

spot_img

शुक्रवार 13 अक्टूबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आरआई छागला ने एक मामले की सुनवाई करते हुये नाबालिग बच्चे की देखभाल के लिए उसकी बुआ को कस्टडी दी है, साथ ही अदालत ने कहा, “बच्चा याचिकाकर्ता बुआ से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, क्योंकि जन्म से ही उसकी बुआ देखभाल कर रही थी। इसे दौरान न्यायमूर्ति छागला ने कहा कि अदालत को ऐसे मसलों को सुनते समय बच्चे की मानसिक-शारीरिक भलाई पर भी ध्यान देना चाहिए।

Also Read:- सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के शिवसेना विधायकों की अयोग्यता केस में सुनवाई में देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर जताई नाराजगी, कहा आदेश का नहीं कर सकते उल्लंघन

बुआ ने दायर की थी नाबालिग की कस्टडी के लिए याचिका

बता दे कि नाबालिग बच्चे की याचिकाकर्ता बुआ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में 5 अक्टूबर को याचिका दायर की थी, जिसमें याचिकाकर्ता महिला ने दावा किया था कि जब बच्चे का जन्म हुआ था तो उसके भाई और भाभी ने बच्चे की कस्टडी उसे सौंपने पर सहमत हो गए थे। इसलिए जहां बच्चे का जन्म हुआ था, उस अस्पताल ने बुआ के नाम पर डिस्चार्ज कार्ड जारी किया था। याचिका कर्ता ने कहा कि जब भी बच्चा अपने माता-पिता के घर जाता था तो वह बीमार पड़ जाता था और उसका इलाज कराना पड़ता था। याचिकाकर्ता महिला विधवा है और उसकी अपनी कोई संतान नहीं है। उसने यह भी दावा किया था कि वह बच्चे की देखभाल करने के लिए आर्थिक रूप से भी सक्षम है।

Also Read:सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के शिवसेना विधायकों की आयोग्यता पर हुई सुनवाई, कोर्ट का महाराष्ट्र के स्पीकर को निर्देश, समय सीमा करे तय

बच्चे के पिता ने दर्ज कराई थी अपहरण की शिकायत

नाबालिग बच्चे के पिता ने मार्च 2021 में मुंबई के भोईवाड़ा पुलिस थाने में याचिकाकर्ता महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उनके बच्चे का जबरन अपहरण कर लिया है। इसके बाद महिला ने बच्चे की कस्टडी माता-पिता को सौंप दी थी, लेकिन दो महीने बाद याचिकाकर्ता महिला ने दावा करते हुए बच्चे को वापस लेने के लिये कहा कि उसकी तबीयत खराब हो गई है।

Also Read:- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सरकार जनहित के लिये मुफ्त में मांग सकती है जमीन का हिस्सा, बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला पलटा

सुनवाई के दौरान बच्चे की मां ने कोर्ट में काटा हंगामा

जब इस याचिका पर सुनवाई हो रही थी उसी दौरान कोर्ट में बच्चे की माँ ने हंगामा किया था, जिससे थोड़ी देर के लिए कार्यवाही रोकनी पड़ी थी। इस दौरान के दौरान पता चला कि जिस बच्चे की कस्टडी मांगी जा रही है, उसकी मां गंभीर मानसिक रोगी है। वही कोर्ट ने कहा कि बच्चे का  पिता भी बहुत आक्रामक है, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद कहा, “नाबालिग बच्चे की लाइफ को देखते हुए याचिकाकर्ता को उसका वैलिड गार्जियन घोषित किया जाना जरूरी है। हालांकि, अदालत ने माता-पिता को नाबालिग बच्चे से मिलने की अनुमति दे दी है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments