
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने हत्या के आरोप में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को बरी कर दिया है। सुल्तानपुरी में 1984 में हुए सिख दंगे के दौरान 6 लोगों की हत्या की गई थी। जिसमें करीब 13 साल पहले जुलाई 2010 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने सज्जन कुमार, ब्रह्मानंद पेडू, कुशाल सिंह और वेद प्रकाश के खिलाफ सिख विरोधी दंगों के दौरान सुल्तानपुरी में 6 लोगों की हत्या के मामले में आरोप तय हुये थे। सुल्तानपुरी दंगे में सीबीआई की गवाह चाम कौर ने कहा था कि, दंगों में सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे। कंगेस नेता 2018 से तिहाड़ जेल में बंद है और सिख दंगे के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है।
वही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटल के खिलाफ आरोप तय करने पर आज सुनवाई टाल दिया है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को रखी। सुनवाई में ACMM की अदालत से मामले को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
21 सितंबर को जनकपुरी और विकासपुरी मामले में होगी सुनवाई
1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पुल बंगश में यह सिख दंगा हुआ था। इस मामले में तीन लोग बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या का आरोप है। कुछ दिन पहले ही सिर्फ दंगों से जुड़ी जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के विरुद्ध आईपीसी की धारा 147, 148, 153 ए, 295 आर, व 149, 307, 308, 323, 325, 395 और 436 के तहत आरोप तय किए है, जिसमें SIT ने हत्या की धारा 302 भी लगाई थी, हत्या की धारा 302 कोर्ट ने हटा दी थी, इस मामले की सुनवाई 21 सितंबर को होगी।