Home उत्तर प्रदेश दलितों पर जानलेवा हमला करने वाले 5 लोगों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा, कोर्ट ने लगाया सभी पर 1 लाख 82 हजार का जुर्माना

दलितों पर जानलेवा हमला करने वाले 5 लोगों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा, कोर्ट ने लगाया सभी पर 1 लाख 82 हजार का जुर्माना

दलितों पर जानलेवा हमला करने वाले 5 लोगों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा, कोर्ट ने लगाया सभी पर 1 लाख 82 हजार का जुर्माना
जिला एवं सत्र न्यायालय जालौन

9 साल पहले रुपए के लेनदेन को लेकर जालौन के कालपी इलाके में दबंगों ने दलितों पर कहर बरपाते हुए बेरहमी से पीटते हुए मरणासन्न कर दिया था, इस मामले में शुक्रवार को फैसला आया है। जिसमें न्यायालय, विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट के न्यायाधीश ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पांच लोगों को दोषी मानते हुये 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही सजा पाने वाले दोषियों पर 1 लाख 82 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है, वही ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी की मौत हो गई थी।

9 साल पहले दबंगों ने दलितों पर ढाया था कहर

मामला कालपी कोतवाली के ग्राम लमसर का है। लमसर गांव का रहने वाला दलित युवक पदम सिंह पुत्र विनोद कुमार,  गाड़ी चलाकर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहा था। 21 जून 2015 की सुबह 8 बजे पदम सिंह का गांव के रहने वाले जितेंद्र पुत्र बृजलाल यादव से रुपए की लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था, यह विवाद गांव के लोगों के हस्तक्षेप के बाद शांत हो गया था।

दबंगों ने छीन लिए थे दलित युवक से रुपए

उसी दिन पदम सिंह गांव के घनश्याम सिंह पुत्र मातादीन के साथ अपने घर वापस जा रहे थे, जब दोनों गांव के जितेंद्र पुत्र बृजपाल यादव के मकान के सामने सुबह 10 के करीब निकले, तभी जितेंद्र ने अपने भाई सत्येंद्र यादव, धर्मेंद्र पुत्रगण बृजपाल के साथ मिलकर पदम सिंह को पकड़ लिया और उसकी मारपीट करते हुए 1300 रुपए नगद, मोबाइल, व सोने की अंगूठी छीन ली, इस घटना के बारे में पदम सिंह ने अपने पिता विनोद को इसके बारे में बताया, जिन्होंने पुलिस में इस घटना की शिकायत करने की बात कही।

जानकारी देते शासकीय अधिवक्ता रनकेंद्र सिंह भदौरिया

दबंगों ने घर में घुसकर दलित परिवार को बेरहमी से पीटा

जब विनोद अपने बेटे पदम सिंह को लेकर घटना की शिकायत करने कालपी कोतवाली जा रहे थे, तभी जितेंद्र कुमार यादव अपने भाई धर्मेंद्र यादव, सत्येंद्र यादव, पुत्रगण बृजपाल यादव, सुरेंद्र यादव पुत्र मजबूत सिंह, कल्लू उर्फ वेद नारायण यादव पुत्र पट्टू यादव, लल्लू उर्फ नंदकिशोर यादव पुत्र मेवालाल तथा रोहित यादव पुत्र कल्लू यादव अपने हाथों में लाठी-डंडा, कुल्हाड़ी लेकर आ गये और घर में घुसकर मारपीट करने लगे, जिसमें जितेंद्र यादव ने पदम सिंह को जान से मारने की नीयत से सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया, जिसे पदम सिंह ने पकड़ लिया और वह इस घटना में बच गया, इस दौरान दबंगों ने पदम सिंह और उसके पिता तथा घर की महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा, और महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिए। इस मारपीट में पदम सिंह और उसके परिवार के लोगों को गंभीर चोट आई। घटना को देख आसपास के लोग मौके पर पहुंचे, जिन्हें देखकर सभी दबंग दहशत फैलाते हुए हवाई फायरिंग करते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग गए।

पुलिस ने गंभीर धाराओं में लिखी थी FIR

इस घटना की शिकायत पीड़ित पक्ष ने कालपी कोतवाली में की थीं जिस पर पुलिस ने जितेंद्र, धर्मेंद्र, सतेंद्र, सुरेंद्र, कल्लू, लल्लू, रोहित के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 452, 323, 504, 504, 307, 308 एवं 394 और 3(2)(v) एससी एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया। मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ कालपी महेंद्र कुमार द्वारा की गई, साथ ही घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया, बाद में न्यायालय में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए।

शासकीय अधिवक्ता रण केंद्र सिंह कर रहे थे पैरवी

इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता रन केंद्र सिंह भदोरिया ने कर रहे थे, जिन्होंने अवगत कराते हुए बताया, जिसका ट्रायल जालौन के न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) के न्यायाधीश शिवकुमार द्वितीय HJS की अदालत में चल रहा था। इस ट्रायल के दौरान मुख्य आरोपी जितेंद्र कुमार यादव की मौत हो गई, जबकि अन्य आरोपियों लात ट्रायल चला रहा, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को पूरी हुई। अभियोजन पक्ष की तरफ से साक्ष्य रखे गए, वही बचाव पक्ष की तरफ से इस झूठा बताया गया, अधिवक्ताओं ने अपनी अपनी बहस की, इसके बाद न्यायाधीश शिवकुमार द्वितीय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तथा साक्ष्य और गवाहों के आधार पर इस घटना में शामिल धर्मेंद्र यादव, सत्येंद्र यादव, सुरेंद्र यादव, रोहित एवं कल्लू उर्फ वेद नारायण को एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 307 का दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा और एक लाख 82 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है, जिनके खिलाफ वारंट जारी करते हुए जेल भेज दिया।

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