
यूपी के जालौन में नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत प्रदेश में पहली बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि भारतीय न्याय संहिता कानून के तहत प्रदेश में यह दूसरी सजा सुनाई गई है। यह सजा 6 साल की मासूम से रेप करने वाले आरोपी लल्लन सिंह को जालौन के न्यायालय पोक्सो एक्ट के न्यायाधीश मोहम्मद कमर अहमद ने सुनाई है, जिस पर न्यायालय ने 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें 3 लाख रूपए मासूम पीड़िता को देने होंगे।
9 जुलाई 2024 हो मासूम से किया था रेप
मामला कुठौंद थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां 9 जुलाई दोपहर 2 बजे के करीब गांव का ही रहने वाला लल्लन सिंह घर पर खिलाने के बहाने ले गया, जहां उसके साथ लल्लन सिंह ने रेप की वारदात को अंजाम दिया। घर आने पर मासूम बच्ची ने इसके बारे में अपनी मां को जानकारी दी, जिसके बाद पीड़िता को लेकर उसकी मां थाने पहुंची और घटना के बारे में पुलिस को अवगत कराया, जिस पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करते हुए पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजकर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

16 दिन में न्यायालय में दाखिल की गई चार्जशीट
इसके बारे में अवगत कराते हुए जालौन के जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने अवगत कराते हुए बताया कि नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कुठौंद थाने में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप करने वाले आरोपी लल्लन सिंह के खिलाफ 9 जुलाई 2024 को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 65 व 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस मामले का जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और पुलिस अधीक्षक डॉक्टर दुर्गेश कुमार द्वारा संज्ञान लिया गया था, जिसमें तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद विवेचना करने वाले अधिकारी ने 16 दिन में आरोपी लल्लन सिंह के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए गए थे। इस मामले की पैरवी अपर शासकीय अधिवक्ता बृजराज राजपूत द्वारा की गई, जिसमें अभियोजन पक्ष की तरफ से पांच साक्ष्य पेश किए गए थे
90 दिन में हुई आजीवन कारावास की सजा
जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन और अपर शासकीय अधिवक्ता बृजराज राजपूत ने संयुक्त रूप से बताया कि न्यायालय पोक्सो एक्ट (मय रेप) में इसका ट्रायल चला और लगभग तीन माह (90 दिन) में इस मामले का फैसला पोक्सो एक्ट के न्यायाधीश मोहम्मद कमर अहमद द्वारा सुनाया गया। जिसमें आरोपी लल्लन सिंह को साक्ष्य और गवाह के आधार पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
3 लाख देने होगे पीड़िता को
जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि 5 लाख रुपए में 3 लाख रुपए पीड़िता को देने का आदेश न्यायाधीश द्वारा सुनाया गया है, जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि यह भारतीय न्याय संहिता कानून के तहत पूरे प्रदेश में दूसरी सजा है, लेकिन आजीवन कारावास की पहली सजा सुनाई गई है।