यूपी के हापुड़ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले अधिवक्ताओं पर की गई लाठी चार्ज की घटना के बाद सोमवार से प्रदेश भर के अधिवक्ता तीन दिवसीय हड़ताल चले गए थे। इस घटना का हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने स्वत: संज्ञान लिया, जिसकी कोर्ट में बहस हुई, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने तक किसी भी पक्ष के विरुद्ध कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है।
रिटायर्ड जिला जज एसआईटी में शामिल
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की कोर्ट को अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि रिटायर्ड जिला जज हरिनाथ को सरकार ने पूर्व में ही गठित एसआईटी में शामिल कर लिया है और एक सप्ताह में इसकी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली जाएगी।
अपर महाधिवक्ता से मांगी थी जानकारी
बता दे कि इससे पहले मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर व न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की खंडपीठ ने सोमवार को ही अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से घटना की पूरी जानकारी मांगी थी, इसके बाद सुनवाई हुई।
अधिवक्ता फैसले से दिखे नाखुश
सोमवार को सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने अधिवक्ताओ से कहा कि मंगलवार से अदालतें काम करेगी। हालांकि अधिकांश अधिवक्ता मुख्य न्यायाधीश के इस निर्णय से नाखुश दिखे।
बैठक में लिया जाएगा निर्णय
वही न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की बैठक में लिया जायेगा, जिसकी बैठक जारी है। अधिवक्ताओं की तरफ से बहस हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह, सचिव नितिन शर्मा ने की। जबकि सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने रखा।
कथित झूठी एफआईआर का कर रहे थे विरोध
बता दे कि हापुड़ में 29 अगस्त को अधिवक्ता प्रियंका त्यागी के खिलाफ कथित झूठा मुकदमा दर्ज करने के विरोध में अधिवक्ताओं द्वारा शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, इस दौरान पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया गया था, जिसमें अधिवक्ताओं को गंभीर चोटें आईं। इसके विरोध में 30 अगस्त को प्रदेश भर के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे थे, इसके बाद से हाईकोर्ट में कामकाज ठप ही चल रहा है, इसी को लेकर यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की थी।