
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में गोलीकांड में मारे गये गैंगस्टर माफिया, पूर्व सांसद अतीक अहमद के दो नाबालिग पुत्रों की कस्टडी लेने के मामले में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ मे सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रयागराज भेजे गये विशेषज्ञ ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें बताया है कि अतीक के दोनों नाबालिग बेटे सुधार गृह में नहीं रहना चाहते हैं। वो बाहर आना चाहते है। मुद्दे पर सहायता व्यक्ति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आलोक में नए सिरे से विचार करेगी, इस केस की अगली सुनवाई मंगलवार 10 अक्टूबर को होगी। बेटों की कस्टडी लेने की याचिका अतीक अहमद की बहन शाहीन अहमद की तरफ से दायर की गई थी। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया था, वहीं बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार और अतीक अहमद की बहन को जवाब देने के लिये कहा गया था।
बच्चों को कस्टडी में लेने के लिए अतीक की बहिन शाहीन अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में शाहीन ने याचिका दायर की थी। याचिका में अतीक-अशरफ की बहिन शाहीन अहमद की ओर से अधिवक्ता निज़ाम पाशा पेश ने बताया था कि दोनों बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ने जाते थे। दोनों बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं। दोनों बच्चे राज्य से बाहर जाना चाहते हैं। उनको अपने आस-पास के हालात के बारे में पता है।
कोर्ट ने इन कार्यवाहियों में आदेश के अनुसार विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर विचार किया है। न्याय और संबंधित बच्चों के हित में राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया कि पुन: परीक्षा में शामिल होने के लिए दोनों बच्चों के आवेदन तुरंत भराए जाएं। विशेषज्ञ की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद जिसमें मोटे तौर पर संकेत दिया गया है कि बच्चे बाल देखभाल संस्थान में नहीं रहना चाहते हैं, उनमें से एक अहज़म अहमद 18 वर्ष का हो जाएगा, जिस पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई मंगलवार 10 अक्टूबर को होगी।