
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंड पीठ ने सोमवार 12 बजे से यूपी के अयोध्या जा रही सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कॉन्स्टेबल के साथ की गई हैवानियत से जुड़े मामले की सुनवाई की, जिसमें राज्य सरकार और राजकीय रेलवे की तरफ से जवाब दाखिल किया गया। जिस पर अदालत ने संतुष्टि जताई, साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को करेगी।
कोर्ट ने जबाब पर जताई संतुष्टि
उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) में राजकीय रेलवे लखनऊ की पुलिस अधीक्षक पूजा यादव पेश हुई, और माननीय न्यायालय को अब तक हुई जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी, उन्होंने अदालत को बताया कि महिला कॉन्स्टेबल की अभी हालत गंभीर है और जिस कारण उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका, एसपी रेलवे ने अदालत को बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है, घटना की जांच और खुलासे के लिये गठित की गई कई टीम दिन रात काम कर रही हैं, साथ ही हालत में सुधार होने पर महिला कॉन्स्टेबल के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने रेलवे अधिकारी और यूपी सरकार के जवाब पर संतुष्टि जताई, साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को जल्द से जल्द जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिये।
महिला कॉन्स्टेबल को दिया जा रहा बेहतर इलाज
राज्य सरकार ने अदालत को बताया, “महिला कॉन्स्टेबल को बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है।” रेलवे की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया कोर्ट में पेश हुये, उन्होने बताया कि जिस रेलवे कोच में घटना हुई, उसे सील कर दिया गया है। रेलवे इस घटना को लेकर गंभीर है। हाईकोर्ट इस मामले में 13 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।