सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बांके बिहारी मंदिर में कॉरिडोर बनाने को मंजूरी दे दी है, साथ ही तंग गलियों से अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया है, कोर्ट के इस फैसले के बाद मंदिर के आस-पास 5 एकड़ जमीन में यूपी सरकार कॉरिडोर बनाएगी। हालांकि पीठ ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन 262.50 करोड़ रुपए का कॉरिडोर बनाने में उपयोग करने की सरकार को परमिशन नहीं दी है।
कोर्ट ने जनहित याचिका पर 8 नवंबर को फैसला रखा लिया था सुरक्षित
बता दे कि एक साल पहले 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्य की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई थी, इस जनहित याचिका में कहा गया था कि बाँके बिहारी के दर्शन करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। आम दिनों में मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या 40 से 50 हजार होती है। मगर, शनिवार-रविवार और छुट्टियों के दिन यह संख्या डेढ़ से ढाई लाख तक पहुंच जाती है। त्योहार और शुभ दिनों में मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या लगभग 5 लाख पहुंच जाती है। मंदिर तक पहुंचने की सड़कें बहुत संकरी और भीड़-भाड़ वाली हैं। लिहाजा, भारी भीड़ की वजह से आवाजाही में तमाम दिक्कतें होती हैं।
तंग गलियों से अतिक्रमण से हो रहे थे हादसे
संकरी गलियों पर अतिक्रमण कर लिया गया है, इससे स्थिति और खराब हो गई है। गलियां और संकरी हो गई हैं। अक्सर भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। हाल ही में ही कुछ लोगों की दम घुटने से मौत हो चुकी है। प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से भीड़ वाले दिनों में फेल हो जाती है। इसके बाद भी यूपी सरकार और जिला प्रशासन ने कोई उचित और ठोस कदम नहीं उठाया। रिट में हाईकोर्ट से इस मामले में उचित कदम उठाए जाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की अपील की गई थी।
सरकार अपनी योजना को आगे बढ़ा सकती कोर्ट
इस याचिका पर सुनवाई करते हुये मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसका सोमवार को पीठ ने फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि सरकार अपनी प्रस्तावित योजना के साथ आगे बढ़ सकती है, मगर यह भी तय करे कि दर्शनार्थियों को दर्शन में बाधा न आए। कोर्ट ने कहा कि एक बार अतिक्रमण हटाने के बाद इन गलियों में दोबारा अतिक्रमण न हो और मंदिर के पहुंच मार्गों पर कोई बाधा न पहुंचे, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा। इस केस में 31 जनवरी 2024 को अगली सुनवाई होगी।
सेवायतों ने मांगी थी अलग से जमीन
इससे पहले 7 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बाँके बिहारी के सेवायतों की ओर से कहा गया था कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध करा दे। वह नया मंदिर बनवाकर बांके बिहारी को वहाँ स्थापित कर लेंगे। इससे कुंज गालियों का स्वरूप भी नष्ट नहीं होगा। सब कुछ सुरक्षित भी रहेगा। इस पर मुख्य स्थायी वकील कुणाल रवि ने कहा था कि बांके बिहारी का मंदिर जहां है, वहीं रहेगा। मंदिर को दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।