Sunday, August 3, 2025
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जालौन की जिला अदालत ने पिता-पुत्र पर कुल्हाड़ी से हमला करने तीन लोगों को सुनाई 7 साल की सजा, लगाया 1 लाख 98 हजार का जुर्माना

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जालौन के कालपी इलाके में 8 साल पहले खेत में काम कर रहे पिता-पुत्र के ऊपर गांव के ही रहने वाले एक शख्स ने अपने दो पुत्रों के साथ मिलकर कुल्हाड़ी से हमला कर मरणासन्न कर दिया था, इस मामले में 8 साल बाद घायल पिता पुत्र को न्याय मिला है। जालौन की जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लल्लू सिंह ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर जानलेवा हमला करने वाले पिता, उसके दो लड़कों को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही तीनों पर 66-66 हजार रुपये कुल 1 लाख 98 हजार का आर्थिक दंड लगाया है। सजा सुनाये जाने के बाद सभी को पुलिस ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

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खेत पर काम करते समय किया था हमला

मामला कालपी कोतवाली इलाके के ग्राम गुलौली  का था। जहां 16 जुलाई 2015 को गुलौली ग्राम के रहने वाले नन्हे खां और उसका बड़ा लड़का जुबेर खाँ जानवरों से फसल की रखवारी करने के लिए खेत की मेड़ पर बबूल के पेड़ के झाकर लगा रहे थे, जब वह खेत में काम कर रहे थे, उसी दौरान गाँव के रहने वाले गुलाब खां और उसके दोनों पुत्र जुनैद खां व जुस्फिकार खां आ गये और पुरानी रंजिश को लेकर विवाद करने लगे, जिसका नन्हें खान ने विरोध किया, जिसके बाद पिता-पुत्रों ने नन्हें के ऊपर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिये, जिसे देख खेत पर काम कर रहा उसका बड़ा बेटा जुबेर खाँ पिता को बचाने के लिए पहुंचा, जिसके बाद सभी ने उस पर भी कुल्हाड़ी से हमलाकर मरणासन्न कर दिया। घटना को देख काम करने वाले अन्य किसान दौड़े, जिन्हे देखकर सभी लोग भाग गये। इसकी सूचना नन्हें के छोटे बेटे उवैद खां को किसानों ने दी, जो मौके पर पहुंचे और घायल पिता और भाई को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत नाजुक होने पर पहले झांसी फिर ग्वालियर रेफर किया गया, साथ ही उवैद खां ने गुलाब खां और उसके दोनों पुत्र जुनैद खां व जुस्फिकार खां के खिलाफ काल्पी कोतवाली में सूचना दी, जिस पर पुलिस ने धारा 308 आईपीसी में मामला पंजीकृत किया और हमला करने वाले पिता पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन

जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल ने की पैरवी

इस मामले की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने की, उन्होने बताया कि मामले की जांच करने वाले विवेचक ने वर्ष 2015 में गुलाब खां और उसके दोनों पुत्र जुनैद खां व जुस्फिकार खां के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किये। या मामला लगभग आठ साल तक विचाराधीन रहा, जिसमें अभियोजन की तरफ से गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किये, वही बचाव पक्ष द्वारा घटना गलत बताई गई। वही साक्ष्य और गवाहों के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लल्लू सिंह ने आईपीसी की धारा 308 का दोषी गुलाब खां और उसके दोनों पुत्र जुनैद खां व जुस्फिकार खां को माना और दोनों को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई है, इतना ही नहीं तीनों पर न्यायालय ने 66-66 हजार का आर्थिक दंड, कुल 1 लाख 98 हजार का जुर्माना लगाया है। जिसमे से 50-50 हजार रुपये घायल नन्हें खाँ उसके बेटे जुबेर को देने का आदेश दिया है।

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