Thursday, July 31, 2025
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जालौन जिला जज ने जानलेवा हमला करने के मामले दोषी को सुनाई 10 साल की सजा, लगाया 65 हजार का जुर्माना

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यूपी के जालौन के जिला एवं सत्र न्यायालय के जिला न्यायधीश ने आईपीसी की धारा 307 के मामले में साक्ष्य और गवाहों के आधार पर पांच साल पुराने मामले में एक युवक को दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है, साथ ही 65 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है, इस जुर्माने में 30 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति पीड़ित को देने का आदेश जिला न्यायधीश ने दिया है, वहीं सजा सुनाई जाने के बाद पुलिस ने दोषी को हिरासत में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया।

5 साल से कोर्ट में चल रहा था मामला

जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन

इस मामले की पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने बताया कि सिरसा कलार थाना क्षेत्र के ग्राम जहटोली के रहने प्रदीप कुमार पुत्र बिहारी लाल अपने भाई राजू के साथ जानवर रख कर खेत से वापस आ रहे थे, जब दोनों 7 अगस्त 2018 को रात्रि 8 बजे गांव के नजदीक पुलिया के पास पहुंचे, इस दौरान गांव के ही रहने वाले मंगल सिंह पुत्र स्वर्गीय गया प्रसाद ने पुरानी रंजिश के कारण प्रदीप के पेट में जान से मारने की नीयत से चाकू मार दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया, प्रदीप ने चाकू मारते समय जब उसे पकड़ने का प्रयास किया, तो मंगल ने कमर में लगाये तमंचे से प्रदीप की पीठ में गोली मार दी, जिससे वह जमीन पर गिर गया, इस वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से भाग गया, वहीं उसके भाई राजू ने तत्काल घायलावस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां हालत नाजुक होने पर मेडिकल कॉलेज झांसी रेफर किया गया, जहां भर्ती होने पर उसमके शरीर से गोली निकाली गई, इस मामले में घायल के भाई की शिकायत पुलिस ने रात्रि में ही मुकदमा पंजीकृत किया, जबकि इस मामले में 6 अक्टूबर 2018 को पुलिस द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए गए, जिसमें अभियोजन की ओर से कुल सात साक्षी पेश किए गये, लगभग 5 साल तक इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश लल्लू सिंह ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर मंगल सिंह को दोषी मानते हुये
आईपीसी की धारा 307, 10 वर्ष की सजा सुनाई तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जबकि आईपीसी की धारा 3/25 आर्म्स एक्ट में 3 वर्ष तथा 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड तथा 4/25 आर्म्स एक्ट में 2 वर्ष का कारावास और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर 65 हजार रुपये का जुर्माना माननीय न्यायालय द्वारा लगाया गया है। दोषी पाए जाने के बाद हिरासत में लेकर पुलिस ने उरई जिला कारागार भेज दिया है।

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