Home उत्तर प्रदेश रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनबाने के मामले में आजम-तंजीन और अब्दुल्ला को सुनाई 7-7 साल की सजा

रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनबाने के मामले में आजम-तंजीन और अब्दुल्ला को सुनाई 7-7 साल की सजा

रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनबाने के मामले में आजम-तंजीन और अब्दुल्ला को सुनाई 7-7 साल की सजा
आजम खां और अब्दुल्ला आजम

बुधवार को अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सपा नेता आजम खान, पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को रामपुर की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाये जाने के बाद तीनों लोगों के जमानत पत्र जब्त कर लिए हैं। अभी तक आजम, अब्दुल्ला और तंजीन जमानत पर थे। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद तीनों को पुलिस ने कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया। वही इसके बाद कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वही पुलिस की प्रिजन वैन को कोर्ट के गेट पर लगाया गया है। जिससे आजम खान किसी से भी मुलाकात न कर सके।

बुधवार को अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सपा नेता आजम खान, पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला को रामपुर की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाये जाने के बाद तीनों लोगों के जमानत पत्र जब्त कर लिए हैं। अभी तक आजम, अब्दुल्ला और तंजीन जमानत पर थे। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद तीनों को पुलिस ने कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया। वही इसके बाद कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वही पुलिस की प्रिजन वैन को कोर्ट के गेट पर लगाया गया है। जिससे आजम खान किसी से भी मुलाकात न कर सके।

बता दे कि बुधवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीनों को पेश होने का आदेश दिया था। सुबह आजम, पत्नी तंजीन और बेटे के साथ रामपुर कोर्ट पहुंच गए थे। वहां पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। दूसरे पक्ष के वकील के मुताबिक, कोर्ट ने तीनों को दोषी करार दिया है।
आजम के बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र हैं। एक पत्र रामपुर में बना है। चुनाव लड़ने के समय इन्होंने लखनऊ से दूसरा प्रमाण पत्र बनवाया था। शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला की डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है। जबकि, जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 बताया गया है।
यह मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद उस पर सुनवाई शुरू हुई थी। अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया था। इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव भी रद्द कर दिया गया था। चुनाव लड़ने के लिए अपनी जन्म तिथि बढ़ाई हुई पाई गई।

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