Home उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक द्वारा सहपाठियो से छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के एसपी से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, कोर्ट ने पूंछा अब तक क्या हुई कार्रवाई

महिला शिक्षक द्वारा सहपाठियो से छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के एसपी से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, कोर्ट ने पूंछा अब तक क्या हुई कार्रवाई

महिला शिक्षक द्वारा सहपाठियो से छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर के एसपी से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, कोर्ट ने पूंछा अब तक क्या हुई कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी द्वारा दायर याचिका WP Crl. नंबर 406/2023 तुषार गांधी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के मामले में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर शिक्षक द्वारा छात्र को थप्पड़ मारे जाने वाले मामले में शिक्षिका के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है उसकी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ ने पुलिस अधीक्षक से अपराध के पीड़ित की सुरक्षा के लिए उठाये गए कदमों के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है। जिसकी सुनवाई पीठ 15 सितंबर को करेगी।

दायर याचिका की स्टेटस रिपोर्ट

 सामाजिक कार्यकर्ता ने दाखिल की थी याचिका

सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने यह याचिका दाखिल की थी। इस मामले की याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता शादान फरासत ने पीठ को बताया, “याचिका में धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित बच्चों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए स्कूल प्रणालियों के भीतर निवारक और उपचारात्मक उपायों के संबंध में दिशा निर्देश देने की मांग की गई है।” याचिका में महिला शिक्षक की पहचान तृप्ता त्यागी के रूप की गई थी। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया कि शिक्षक ने छात्रों को अपने सहपाठी छात्र को “जोर से” मारने के लिये कहा। महिला शिक्षक को वीडियो मे यह कहते हुए देखा गया, “मैंने तो डिक्लेयर कर दिया, जितने भी मुस्लिम बच्चे हैं, इनके वहां चले जाओ।” फिर, जैसे ही एक बच्चा लड़के को मारने के बाद बैठता है, शिक्षिका उससे कहती है : “क्या तुम मार रहे हो? ज़ोर से मारो न।”

सहपाठी से छात्र को पिटवाती शिक्षिका

घटना के बाद, 26 अगस्त को स्कूल शिक्षक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि जब से एफआईआर दर्ज की गई है, तब से बच्चे के परिवार पर “समझौता” करने और महिला शिक्षक के खिलाफ एफआईआर वापस लेने का दबाव बढ़ गया है।

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