13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने महाराष्ट्र के शिवसेना विधायकों के अयोग्यता मामले पर सुनवाई की, इस सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने लगातार हो रही देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि कोई स्पीकर राहुल नार्वेकर को समझाए कि वह हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताते हुए कहा, “अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला अगले विधानसभा चुनाव से पहले आ पाएगा या नहीं, या फिर पूरी प्रोसेस नाकाम हो जाएगी। “महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 में सितंबर-अक्टूबर में होना है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह भी कहा कि इस साल जून के बाद से विधायकों की अयोग्यता मामले में कुछ नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी को स्पीकर को सलाह देने के लिए कहा है। यह भी कहा कि स्पीकर को मदद की जरूरत है।
बता दे कि इस मामले में स्पीकर राहुल नार्वेकर की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, उद्धव ठाकरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। वहीं, शिंदे गुट की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलीलें रखी।
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बता दे कि महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले पर फिर से विचार करने की अपील की थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया था- विधानसभा अध्यक्ष मामले को जानबूझकर टाल रहे हैं।