मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने महाराष्ट्र के शिवसेना के अयोग्य विधायकों के मामले में सुनवाई की और महाराष्ट्र विधान सभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को शिवसेना विधायकों के अयोग्यता के मामले में अंतिम मौका देने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला लेने के लिए स्पीकर वास्तविक समय सीमा निर्धारित करें। अयोग्यता की याचिकाओं पर जल्द निर्णय लिए जाने की जरूरत है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने साफतौर पर कहा, ‘टाइम शेड्यूल से हम संतुष्ट नहीं हैं। जेआईएस पीएआर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भरोसा दिया है कि वे दशहरे की छुट्टियों में व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बात करेंगे और रास्ता निकालेंगे।’ अब मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
17 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर कहा, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को असंवैधानिक माना जाये। नार्वेकर ने 21 सितंबर को कहा था कि मैं शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।