
दिल्ली के पूर्व मंत्री आप नेता सतेंद्र कुमार जैन को मनी लॉन्ड्रिंग केस विशेष अनुमति याचिका (आपराधिक) संख्या 6561 2023 में उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने सत्येन्द्र जैन की मेडिकल कंडीशन के आधार पर अंतरिम जमानत की समय सीमा 1 सितंबर तक बढ़ा दी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग केस दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को में 2022 में गिरफ्तार किया था, लेकिन तिहाड़ जेल में स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें मेडिकल कंडीशन के आधार पर अंतिम जमानत दी गई थी, इस मामले की याचिका पर विचार न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम.एम सुंदरेश की खंडपीठ कर रही है, पूर्व मंत्री ने 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने वाले फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि एएसजी ने यह तर्क देते हुए अंतरिम जमानत के विस्तार का विरोध किया कि उद्धृत मेडिकल सलाह पर्याप्त नहीं है, हालांकि जैन की मुख्य जमानत अर्जी पर सुनवाई 1 सितंबर को होगी। पूर्व मंत्री जैन की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे है।
उन्होंने कहा कि रीढ़ की हड्डी के महत्वपूर्ण ऑपरेशन के बाद वह पुनर्वास के दौर से गुजर रहे हैं। जिस पर एडिशनल सॉलिसिटर-जनरल एसवी राजू ने अंतरिम जमानत के विस्तार का कड़ा विरोध किया।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस बी राजू ने कहा, दलील रखते गए कहा कि मेडिकल सलाह के प्रकार को देखे, शावर – खड़े होकर। शावर आमतौर पर खड़े होकर लिया जाता है, एएसजी ने कहा कि हम उन्हें फिजियोथेरेपी के लिए स्विमिंग पूल में ले जाएंगे, जिस ओर न्यायमूर्ति एम. एम सुंदरेश ने हल्के फुल्के अन्दाज में जवाब दिया, क्या करें! यदि वह जेल में फिजियोथेरेपी कराते हैं, तो आप तस्वीरें लेंगे और उन्हें प्रकाशित कराएंगे। इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया, और कहा कि उनके सह-अभियुक्त ऐसा कर रहे हैं।
हालांकि पीठ पहले ही सतेंद्र जैन को 5 सितंबर को आत्मसमर्पण करने का आदेश देना चाहती थी और उनके मुख्य जमानत आवेदन पर उसके लगभग एक सप्ताह बाद विचार करना चाहती थी। हालांकि, पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के अधिवक्ता सिंघवी ने इस पर आपत्ति जताई और तर्क दिया कि आत्मसमर्पण आदेश आवश्यक नहीं है, क्योंकि वह किसी भी दिन योग्यता के आधार पर जमानत के लिए मामला बनाने के लिए तैयार है। दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी बात रखनी शुरू की, लेकिन पीठ ने उन्हें रोक दिया। अंत में इसने अपने आदेश में संशोधन किया और निर्देश दिया कि जैन की अंतरिम जमानत को उसी दिन 1 सितंबर तक बढ़ाया जाएगा, जिस दिन मुख्य आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई की जाएगी।