Wednesday, July 30, 2025
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उत्तर प्रदेश की महिला जज ने CJI को पत्र लिखकर मांगी इच्छामृत्यु, जज ने कहा, जब उन्हें नहीं मिल रहा इंसाफ, तो आम जनता को कैसे मिलेगा न्याय?

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भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर एक महिला जज ने इच्‍छा मृत्‍यु की मांग की है, यह हैरान करने वाला मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद से आया है। बांदा जनपद में तैनात महिला जज ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखते हुये कहा वह दूसरों को न्याय दिलाती है और भरी अदालत में ही उसका शारीरिक शोषण हुआ है। महिला जज का आरोप है कि बाराबंकी में तैनाती के दौरान उनका जिला जज द्वारा शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया, जिला जज रात में उनसे मिलने दबाव बनाया करते थे, जिला जज के खिलाफ शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई न होने से निराश होकर महिला जज ने इच्छामृत्यु की मांग की है।

बांदा जनपद में तैनात है महिला जज

बांदा जनपद की एक तहसील के सिविल न्यायालय में तैनात महिला जज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु मांगी है। वहां महिला सिविल जज ने पत्र में गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि पत्र को लिखने का उद्देश्य मेरी कहानी बताने और प्रार्थना करने के अलावा कुछ और नहीं है।

शिकायत के बाबजूद नहीं मिला न्याय

महिला जज ने कहा कि बहुत उत्साह के साथ न्यायिक सेवा में शामिल हुई थी, सोचा था कि वह आम लोगों को न्याय दिला पाऊंगी, मुझे क्या पता था कि न्याय के लिए हर दरवाजे का भिखारी बना दिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा कि काफी निराश मन से लिख रही हूं। महिला जज ने बताया कि मामले की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से 2022 में की, मगर आज की तारीख तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई, मेरी परेशानी को जानने की किसी ने परवाह भी नहीं की। जुलाई 2023 में मैंने मामले को एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट की आंतरिक शिकायत समिति के सामने इस मुद्दे को उठाया, जांच शुरू करने में 6 महीने और एक हजार ईमेल लग गए, उन्होंने प्रस्तावित जांच को दिखावा बताया है, क्योकि गवाह जिला जज के अधीनस्थ हैं।

बाराबंकी के जिला जज पर लगाये गंभीर आरोप

महिला जज के आरोप है, जब वह बाराबंकी जिले में 2022 में तैनात थी, तब वहां के जिला जज के द्वारा उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया, यही नहीं जिला जज के द्वारा इन्हें रात में मिलने को लेकर दबाव भी बनाया जाता था, इसको लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद में भी इन्होंने गुहार लगाई, लेकिन जज होने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला, इसके बाद इन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र जारी करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है।

याचिका को भी किया खारिज

भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखते हुए महिला जज ने लिखा कि एक जज होने के बावजूद जब मुझे न्याय नहीं मिल रहा है तो आम जनता का क्या होगा। महिला जज ने बताया कि मेरे साथ जो कुछ हुआ है उसको लेकर मैंने ओपन पत्र जारी किया है, इसमें मैंने सारी बातें लिखी है, इस पूरे मामले को लेकर मैंने रिट भी दाखिल की थी, लेकिन रिट को डिसमिस कर दिया गया।

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