जालौन में एक महिला को हत्या के मामले में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जिसने 7 साल पहले अपने बेटे के साथ मिलकर एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने महिला पर 12 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। वही बेटे के नाबालिग का प्रार्थना पत्र मिलने के बाद कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है। वही सजा सुनाए जाने पर महिला को हिरासत में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया है।
5 नम्बर 2016 का मामला
मामला आटा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बम्हौरी कलां का है। जहां 5 नवंबर 2016 को उरई कोतवाली के इंदिरा नगर के रहने वाले अमृतलाल उर्फ ढोंगी बाबा को आटा थाना क्षेत्र बम्हौरी कला गांव की रहने वाली क्रांति देवी उर्फ और ऐरबाली उसका पुत्र जितेंद्र राजपूत घर से यह कह कर ले गए कि उसकी लड़कियां रेखा और रूबी की पंचायत करने के लिये ले जा रहे हैं, मगर अमृतलाल घर वापस नहीं लौटा, इसके बाद अमृतलाल की परिजनों ने खोजबीन की, मगर कहीं भी उसका पता नहीं चला।
मां बेटे के खिलाफ लिखाया मुकदमा
इसके बाद 18 जनवरी 2017 को अमृतपाल उर्फ ढोंगीबाबा के लड़के देवर्षि के मोबाइल पर फोन आया कि तुम्हारे पिता जिसको बाबा कहते हैं उसकी लाश मोर्चरी में रखी हुई है, जिस पर अमृतलाल की पत्नी सत्तो देवी और उसका पुत्र परिवार के साथ मोर्चरी पहुंचे, जहां कपड़ों तथा कलवा आदि से अमृतलाल की पहचान हुई। इसके बाद अमृतलाल उर्फ फिर ढोंगी बाबा की पत्नी सत्तो देवी ने पुलिस को शिकायती पत्र दिया कि मेरे पति बाबा की क्रांति देवी उसके बेटे तथा लड़कियों ने मिलकर हत्या कर दी और हत्या को छुपाने के उद्देश्य से शव को बम्होरी और चमारी के बीच स्थित कुए में फेंक दिया। प्रार्थना में यह भी बताया कि क्रांति देवी उर्फ ऐरबाली ने उसके पति पर गलत आरोप लगाया था कि उसकी लड़की के साथ बाबा ने बलात्कार किया है और रुपए के लेनदेन का विवाद है, जिसका बदला लेना है, इस षड्यंत्र के तहत यह हत्या की गई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच की, जिसमें हत्या की पुष्टि हुई और इसके बाद पुलिस ने क्रांति देवी और उसके बेटे के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
7 साल बाद आया फैसला
इस मामले की पैरवी करने वाले शासकीय अधिवक्ता मोतीलाल पाल ने बताया कि 7 साल तक चली सुनवाई के बाद जालौन के न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम के जज अंचल लवानिया एचजेएस ने 16 फरवरी 2024 को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद क्रांति देवी और वाली व उसके पुत्र जितेंद्र राजपूत को दोषी माना था, मगर इस मामले में जितेंद्र राजपूत को किशोर घोषित करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया था।
मगर सोमवार को क्रांति देवी उर्फ ऐरवाली को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही न्यायालय ने 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है, वही जितेंद्र राजपूत के मामले में न्यायालय ने कोई भी फैसला नहीं सुनाया है। सजा सुनाई जाने के बाद दोषी महिला को पुलिस ने हिरासत में लेकर उरई जिला कारागार भेज दिया है।