जालौन में 3 साल पहले एक दलित की खेत में कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी, इस मामले में शुक्रवार को न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश ने हत्या के मामले में दोषी पाये जाने पर युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 1 लाख रुपये का आर्थिक दण्ड लगाया है, सजा सुनाई जाने के बाद दोषी को हिरासत में लेकर पुलिस ने जेल भेज दिया।
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यह था प्रकरण
मामला चुर्खी थाना क्षेत्र के ग्राम अटराकला का था। यहां 22 जुलाई 2020 को मुन्नेश दोहरे ने चुर्खी पुलिस को सूचना दी गई थी, कि 21 जुलाई की शाम को उसके घर पर गांव का ही रहने वाला श्यामजी गुर्जर पुत्र बब्बू सिंह आया और भाई रामेश्वर से गाली गलौज करते हुए बोला कि उसके खेत पर जानवर छोड़ देते हो, जिससे फसल का नुकसान होता है, और धमकी दी कि उसके खेत में जानवर छोड़े तो जान से मार देगा, यह धमकी देते हुये चला गया। इस घटना के बाद रात्रि में उसका भाई रामेश्वर दयाल(45), गंगादीन के खेत की रखवाली करने चला गया, रात करीब 2 बजे श्यामजी गुर्जर, गंगादीन के खेत पर आया और वह भाई के साथ गाली गलौज करने लगा, जिसका विरोध भाई ने किया तो उसने हाथ में लिये कुल्हाड़ी से भाई पर हमला कर दिया, जिससे बचने के लिए रामेश्वर खेत में बनी झोपड़ी से बाहर निकलते हुए चिल्लाते हुए खेत की तरफ भागा, इस दौरान आवाज सुनकर गंगादीन पुत्र जगन दोहरे के खेत में उसका लड़का विशाल व उसके गांव का रामशंकर रामेश्वर को बचाने के लिए टॉर्च लेकर पहुंचे तो देखा श्यामजी गुर्जर पुत्र बब्बू सिंह, रामेश्वर के ऊपर कुल्हाड़ी से हमला कर रहा था, जिससे रामेश्वर की मौत हो गई। इस घटना को देख दोनों लोगों ने श्यामजी को पकड़ने का प्रयास किया तो श्याम जी दोनों लोगों को जान से मारने की धमकी देते हुए कुल्हाड़ी लेकर भाग गया। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे, जहां रामेश्वर की लाश गंगादीन के खेत में पड़ी मिली, इस सूचना पर पुलिस भी पहुंची जहां जांच करने के बाद इस मामले में मुकदमा पंजीकृत करते हुए कार्रवाई की थी और श्याम जी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

सहायक शासकीय अधिवक्ता रणकेन्द्र ने की अभियोजन की तरफ से पैरवी
इस मामले की पैरवी करने वाले सहायक शासकीय अधिवक्ता रणकेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि इस मामले की विवेचना कालपी के क्षेत्राधिकार राजीव प्रताप सिंह द्वारा की गई, जिन्होंने न्यायालय में 5 जनवरी 2021 को आईपीसी की धारा 302 और धारा 3(2)(V)एससी एसटी एक्ट अत्याचार निवारण के अंतर्गत आरोप पत्र प्रेषित किया। लगभग ढाई साल तक इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें साक्ष्य और गवाहों के आधार पर श्यामजी को न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश शिव कुमार ll(HJS) ने IPC की धारा 302 के तहत दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा तथा 50 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर दोषी को 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। वही न्यायाधीश ने 3(2)(v)एससी एसटी एक्ट अत्याचार निवारण एक्ट में भी सश्रम आजीवन कारावास तथा 50 हजार का आर्थिक दंड लगाया है। अर्थ दंड की धनराशि अदा न करने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं सजा सुनाई जाने के बाद पुलिस ने हिरासत में लेकर दोषी को उरई कारागार भेज दिया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से इस मामले में पैरवी आरडी विश्नोई द्वारा की गई।