यूपी के जालौन के न्यायालय पॉस्को एक्ट के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद आजाद ने किशोरी की रेप के बाद हत्या करने के मामले रंजीत अहिरवार को प्राकृतिक जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 55 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
4 साल पुराना है मामला
15 वर्षीय किशोरी की रेप के बाद हत्या चार साल पहले 31 अगस्त 2019 की है। जब किशोरी घर जा रही थी, जिसे रास्ते में 34 वर्षीय रंजीत अहिरवार ने अगवा कर लिया था, जहां उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया था, घटना के बाद पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए रंजीत ने साक्ष्य मिटाने की नियत से उसकी हत्या कर दी थी, अगले दिन 1 सितंबर 2019 नाबालिग की लाश मिली थी, जिसके बाद नाबालिग के पिता ने हत्या का मुकदमा पंजीकृत कराया था, जिसके बाद पुलिस ने साक्ष्य संकलित किये, जहां घटना स्थल से इस दौरान चप्पल, देसी शराब के खाली क्वार्टर बरामद हुये, जिस पर पुलिस ने फोरेंसिंक टीम की मदद से फिंगरप्रिंट आदि लेकर इस मामले में घटना को अंजाम देने वाले रंजीत को गिरफ्तार किया, साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि होने के बाद उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 201, 376, 511, 7/8 पोक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई गई, जिसकी विवेचना करने वाले निरीक्षक जितेंद्र यादव ने आरोपी के खिलाफ 21 जनवरी 2020 को आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये।
अलग अलग धाराओं में हुई सजा
इस मामले की पैरवी कर रहे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विश्वजीत सिंह गुर्जर ने माननीय न्यायालय पॉक्सो कोर्ट में साक्ष्य और गवाहों को पेश किया जिसकी सुनवाई कर रहे न्यायाधीश मोहम्मद आजाद ने रंजीत यादव को धारा 302 में प्राकृतिक जीवन काल तक आजीवन कारावास, साथ ही ₹40000 आर्थिक दंड तथा धारा 376(3)/ 511 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व ₹10000 का आर्थिक दंड, धारा 201 में 5 वर्ष सश्रम कारावास व ₹5000 का आर्थिक दंड लगाया गया है। रंजित घटना के बाद से ही जिला कारागार उरई में बंद है।
सही निर्णय